Friday, January 21, 2011

नागफ़नी की प्रेमकथा


माली:--
"पूछता हूं तुमसे ऐ मेरी नागफ़नी।
क्या तू है इस मरुस्थल के लिये बनी॥
छोडा है तुमने साथ जबसे मेरा।
तबसे तुमको कांटो ने घेरा॥
मेरे साथ होती तो तुम्हे सितारे देता।
जहन्नुम मे भी जन्नत के नजारे देता॥
चांद को बिछाता कदमों मे तेरे।
पतझड में भी महकी बहारें देता॥
क्यों मेरा चमन तुझे रास ना आया।
मैने किया इन्तजार तू पास ना आया॥
कह देते तुम तो जान दे देते,
मेरे प्यार का क्यों तुझे विश्वास ना आया॥
विरान मरूस्थल मे हुयी है अकेली।
उपवन से मेरे, की तुने दुश्मनी॥
क्या तू है इस मरुस्थल के लिये बनी।
पूछता हूं तुमसे ऐ मेरी नागफ़नी॥
किस चीज की थी तलाश तुझको,
जो उपवन से मेरे मन ना लगा तेरा।
अपने उपवन में तुझे वो फ़ूल बनाता।
जिसे देखकर गुलाब भी शर्माता।
खटकता ना तू सबकी नज़रों में।
जो जोड देता मेरे उपवन से नाता॥
नागफ़नी ना कोइ कहता,
सब चन्द्रमुखी कह कर बुलाते।
तेरे रंग से रंगीन होती दुनिया,
बाकी रंग सारे फ़ीके पड जाते॥
जाने इस मरुस्थल मे रखा है क्या,
जो छोड गयी मेरे उपवन की चांदनी॥
क्या तू है इस मरुस्थल के लिये बनी॥
पूछता हूं तुमसे ऐ मेरी नागफ़नी।"

नागफ़नी:-

"अरे माली तेरी नहीं ये नागफ़नी,
मै तो हूं इस मरुस्थल के लिये बनी।
इस मरुस्थल की थी तलाश मुझको,
जो उपवन मे तेरे मन न लगा मेरा।
मरुस्थल को पाके मिली है खुशी,
ये गम नहीं कि कांटों ने घेरा॥
मुझे तो बस मरुस्थल से प्यार है,
सारी दुनिया के आगे इकरार है।
मेरे प्यार में वो जला है जितना,
नागफ़नी भी उतना जलने को तैयार है॥
वो साथ है तो कदमों में सितारे हैं,
उसके चेहरे मे ही जन्नत के नज़ारे हैं।
चांद से अच्छा चेहरा है उसका,
उसकी सांसों से ही महकी बहारें हैं॥
संग हूं मै उसके, हूं ना अकेली,
सारा जमाना चाहे निभा ले दुश्मनी॥
मै तो हूं इस मरुस्थल के लिये बनी,
अरे माली तेरी नहीं ये नागफ़नी॥
मुझे फ़ूल बनने की चाहत नहीं है,
उस यार से मिलने से फ़ुर्सत नही है।
मैंने चाहा जिसे वो मुझे चाहे,
किसी और से मिलने की हसरत नहीं है॥
चन्द्रमुखी कहलाके मैं पहचान खो देती,
नागफ़नी होने की शान खो देती।
उसी के रंग से रंगीन मेरी दुनिया,
उससे बिछडकर जान खो देती॥
तेरे उपवन मे गुलाब का हाल देखा है,
हर किसी के हाथों उसे होते हलाल देखा है॥
मेरे मरुस्थल से मिली मुझे रोशनी,
इसलिये छोड दी तेरे उपवन की चांदनी।
मै तो हूं इस मरुस्थल के लिये बनी,
अरे माली तेरी नहीं ये नागफ़नी॥"

Search This Blog